Ipl : कहां से आता है IPL में खिलाड़ियों को खरीदने के लिए इतने पैसे ?

ipl 16वें सीज़न के आक्शन में 10 टीमें 206.6 करोड़ रुपये के पर्स के साथ इस ऑक्शन में भाग लिया  लेकिन सवाल यह है टीमो के पास इतना पैसा केसा आता है |

कमाई का सबसे बड़ा जरिया :आईपीएल की फ्रेंचाइजी अपने मीडिया राइट्स और ब्रॉडकास्ट के राइट्स को बेचकर सबसे अधिक पैसा कमाती हैं

जो शुरुआत में 20 फीसदी हिस्सा बीसीसीआई रखता था और 80 फीसदी रकम टीमों को मिलती थी. लेकिन धीरे-धीरे ये हिस्सा बढ़कर 50-50 प्रतिशत हो गया |

आईपीएल मीडिया ब्रॉडकास्ट के राइ़़ट्स को बेचने के अलावा फ्रेंचाइजी  विज्ञापनों से भी जमकर पैसा कमाती हैं.  

साथ ही  कंपनियां  खिलाड़ियों की टोपी, जर्सी और हेलमेट पर दिखने वाले कंपनियों के नाम और लोगो के लिए भी फ्रेंचाइजियों को जमकर पैसा देती हैं |

साधारण भाषा में  टीमें तीन तरह से  कमाई करती है. - सेंट्रल रेवेन्यू, प्रमोशनल रेवेन्यू और  प्रमोशनल रेवेन्यू और लोकल रेवेन्यू |

सेंट्रल रेवेन्यू  जिससे टीमों की कमाई का लगभग 60 से 70 फीसदी हिस्सा आता है इसमें  मीडिया ब्रॉडकास्टिंग राइट्स और टाइटल स्पॉन्सरशिप आता है |

दूसरा है विज्ञापन और प्रमोशनल रेवेन्यू. जिससे टीमों  को करीब 20 से 30 फीसदी तक की कमाई होती है | 

लोकल रेवेन्यू से टीमों की कमाई का 10 फीसदी हिस्सा आता है. इसमें टिकटों की बिक्री और अन्य चीजें शामिल होती हैं |

हर सीजन में 7-8 घरेलू मैचों के साथ फ्रेंचाइजी मालिक टिकट बिक्री से अनुमानित 80 प्रतिशत रेवेन्यू अपने पास रखता है. बाकी 20 प्रतिशत बीसीसीआई और प्रायोजक  के बीच बंटता है |